दिङ्नाग अत्यन्त तीक्ष्ण बुद्धि के स्वतन्त्र विचारक पण्डित थे।
4.
देशभक्ति, राजनीतिक दृढ़ता तथा स्वतन्त्र विचारक के रूप में भाई जी का नाम सदैव स्मरणीय रहेगा।
5.
उनकी रचनाओं के अध्ययन से एक बात निश्चय ही स्पष्ट होती है कि वे एक स्वतन्त्र विचारक एवं प्रतिभासम्पन्न व्यक्ति थे।
6.
जन्म लेनें की प्रक्रिया में सबसे पहले ' मन' बनता है क्या कोई स्वतन्त्र विचारक मन बननें के पहले क्या था बता सकता है?
7.
जन्म लेनें की प्रक्रिया में सबसे पहले ‘मन ' बनता है क्या कोई स्वतन्त्र विचारक मन बननें के पहले क्या था बता सकता है?
8.
जन्म लेनें की प्रक्रिया में सबसे पहले ‘ मन ' बनता है क्या कोई स्वतन्त्र विचारक मन बननें के पहले क्या था बता सकता है?
9.
इसी प्रश्न से जुड़ा हुआ दूसरा अत्यन्त महत्वपूर्ण प्रश्न है कि स्वयं समाजवादी बुद्धिजीवी समुदाय जिसका जन्म और अभ्युदय ही पूंजीवादी व्यवस्था की बुनियादी मानसिकता और मनोवृत्तियों तथा उसकी मूल स्थापनाओं और अवधारणाओं से पूर्ण असहमति के प्रवर्तक और उसके निर्भय आलोचक के रूप में हुआ था, जिसकी स्वतन्त्र विचारक और आलोचक के रूप में भूमिका रूसी समाजवादी क्रान्ति और समाजवादी निर्माण के प्रारम्भिक दौर में अक्षुण्ण रही, वह किन कारणों से अपनी स्वायत्त बुद्धिजीवी की भूमिका को खो बैठा और उस स्थिति में पहुंचा जिस पर तीखी टिप्पणी पोलैण्ड के समाजशास्त्री ओसोवस्की ने की थी?